How shiv chalisa lyricsl can Save You Time, Stress, and Money.
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
It includes forty verses (chalisa), published inside the Hindi language. The chalisa is structured in a poetic format and is commonly recited by devotees as a way to praise and request blessings from Lord Shiva.
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम Shiv chaisa दूत अतुलित बल धामा
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
स्वामी एक है more info आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥